
महाराष्ट्र में आज नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है. इस समारोह में बीजेपी के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की शपथ लेंगे. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस खत्म होने के बाद डिप्टी CM को लेकर भी सस्पेंस लगभग खत्म हो गया है. सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे आखिरकार राजी हो गए हैं. वह गुरुवार को डिप्टी CM पद की शपथ लेने को तैयार हो गए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने भी एकनाथ शिंदे से सरकार में शामिल होने की गुजारिश की थी. वहीं अजित पवार भी डिप्टी सीएम का पद संभालेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शिंदे डिप्टी CM के लिए तो मान गए हैं. लेकिन, अभी भी वह गृह मंत्रालय को लेकर अड़े हुए हैं. जबकि अजित पवार की भी कई प्रमुख मंत्रालयों पर नजर है. वहीं बीजेपी भी कुछ प्रमुख मंत्रालयों को अपने पास रखना चाहती है. प्रमुख मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बीजेपी, शिंदे और पवार की पार्टी में क्या कुछ चल रहा है. इन तीनों दलों की नजरें किस मंत्रालय पर लगी है. शपथ समारोह के लिए राज्य में क्या कुछ हलचल हो रही है. यहां इस बारे में विस्तार से जानिए-
ओडिशा सीएम शपथ समारोह के लिए मुंबई पहुंचे
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा महाराष्ट्र के मनोनीत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मुंबई हवाई अड्डे पहुंचे. महाराष्ट्र में आज शपथ समारोह होने जा रहा है. जिसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि शरद पवार को भी फडणवीस ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. हालांकि शरद पवार ने फडणवीस इस बारे में सूचित किया है कि संसद सत्र चालू होने के कारण वो शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे.
फडणवीस और शिंदे में हुई क्या बात
- देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार शाम को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा का दौरा किया, ताकि कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री के रूप में सरकार में शामिल होने के लिए राजी किया जा सके.
- सूत्रों ने कहा कि शिंदे फडणवीस के इस आश्वासन के साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए सहमत हो गए कि विभागों का बटवारा निष्पक्ष होगा और सरकार के गठन के बाद इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है.
शिंदे और पवार की किस मंत्रालय पर नजर
महाराष्ट्र में नई सरकार के बनते ही मंत्रालयों का बंटवारा बेहद अहम माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार महायुति गठबंधन के तहत शिवसेना और एनसीपी अपने हिसाब से मंत्रालय दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
एनसीपी और शिवसेना की किस मंत्रालय पर नजर
- सूत्रों के अनुसार एनसीपी को-ऑपरेशन, एग्रीक्लचर, फूड और सिविल सप्लाई, पोर्ट, इरिगेशन, सोशल जस्टिस और वुमेन एंड चाइल डेवलपमेंट जैसे मंत्रालय चाह रही है.
- एकनाथ शिंदे की शिवसेना एनर्जी, रेवेन्यू, इरिगेशन, पीडब्ल्यूडी जैसे अहम मंत्रालय मिलने की उम्मीद में है.
शिंदे और फडणवीस की मुलाकात में क्या कुछ हुआ
- बुधवार को लगातार दूसरा दिन था जब फडणवीस ने वर्षा में शिंदे से मुलाकात की.
- पहली मुलाकात में सरकार में शामिल होने पर हुई चर्चा.
- दूसरी मुलाकात में सत्ता में भागीदारी के फॉर्मूले हुई बात.
ऐसा नहीं है कि हमने गृह विभाग छोड़ दिया…
एक शिवसेना पदाधिकारी ने कहा, “हम कुछ मंत्रालय छोड़ने को तैयार हैं, क्योंकि कुछ अन्य चीजें सामने आई हैं. इसलिए हम अभी भी गृह विभाग और अन्य प्रमुख विभागों की मांग कर रहे हैं. शिंदे सरकार में शामिल हो रहे हैं, लेकिन विभागों का आवंटन उसके बाद होगा. ऐसा नहीं है कि हमने गृह विभाग छोड़ दिया है.”
महाराष्ट्र में ‘महा-डील’ का फॉर्मूला
- सरकार के गठन में 6-1 फॉर्मूले पर पावर शेयरिंग
- बीजेपी को मिलेंगे 20 से 22 मंत्री पद
- शिवसेना को मिलेंगे 12 मंत्री पद
- अजित पवार की पार्टी को मिलेंगे 9-10 मंत्री पद
- गृह मंत्रालय पर अभी भी फैसला होना बाकी
महाराष्ट्र में पावर शेयरिंग के लिए 6-1 का फॉर्मूला तय हुआ है. इसका मतलब ये है कि 6 विधायक पर एक मंत्री पद मिलेगा. इस फॉर्मूले के तहत BJP अपने पास 20 से 22 मंत्री पद रखेगी. एकनाथ शिंदे गुट के पास 12 मंत्रालय होंगे. जबकि अजित पवार गुट को 9 से 10 मंत्री पद दिए जा सकते हैं.
मंत्रालयों पर शिंदे और पवार खेमे में तकरार
मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर अजित पवार गुट और शिंदे गुट में तकरार देखी गई थी. अजित पवार की NCP ने नई सरकार में शिंदे गुट के बराबर हिस्सेदारी की मांग की है. NCP नेता छगन भुजबल ने कहा भी है कि हमारा स्ट्राइक रेट बेहतर है. इसलिए मंत्रिपद भी उसी हिसाब से मिलने चाहिए. वहीं, शिंदे गुट ने अर्बन, फाइनेंस और होम मिनिस्ट्री मांगी है. जबकि NCP ने भी इन्हीं मंत्रालयों की मांग की है.
सीट शेयरिंग पर शिवसेना में क्या माहौल
शिवसेना ने उपमुख्यमंत्री पद और करीब एक दर्जन मंत्री पदों के लिए सहमति जता दी है, ऐसे में शिंदे के विधायकों और विधान पार्षदों के बीच सरकारी विभागों के लिए जोरदार लॉबिंग शुरू हो गई है. जहां शिवसेना खेमा उत्साहित है, वहीं कई विधायकों का कहना है कि पार्टी के लिए बेहतर होता अगर शिंदे कम से कम कुछ और समय के लिए मुख्यमंत्री बने रहते क्योंकि इससे पार्टी का मनोबल बढ़ता और स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होता.
मंत्री पद चाहने वालों को कैसे मनाएगी शिवसेना
2022 में जब महायुति सरकार बनी थी, तब शिवसेना के पास 40 विधायक थे. अब विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना के पास 57 हैं. चार अन्य ने भी शिवसेना को समर्थन दिया है. जिन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया गया है, उन्हें राज्य संचालित निगमों में समायोजित करना होगा. भरत गोगावाले और संजय शिरसाट जैसे कई विधायक हैं जो 2022 से कैबिनेट पद के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसलिए उन्हें या तो समायोजित करना होगा या शांत करना होगा.
क्या गृह मंत्रालय छोड़ देगी BJP
शिंदे सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था. ऐसे में वो भी इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं. शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी CM का पद हमें मिल रहा है, तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक BJP गृह मंत्रालय कभी अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहती.
कौन से मंत्रालय रखेगी BJP?
BJP गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है. पार्टी ने शिवसेना शिंदे गुट को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है. वहीं, NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है.
