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मुंबई को मेंटेन और विकसित करने के लिए हर साल हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है।

बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन MCGM जिसे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के नाम से भी जाना जाता है,
मुंबई को मेंटेन और विकसित करने के लिए हर साल हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है। यह खर्च हर साल बदलता रहता है और इसमें कई तरह के काम शामिल होते हैं,
जैसे: * सड़कों का रखरखाव और निर्माण: सड़कों की मरम्मत, नई सड़कों का निर्माण और ट्रैफिक सुधार के लिए बड़ा बजट होता है।
* पानी और सीवेज व्यवस्था: शहर में पानी की सप्लाई बनाए रखने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चलाने के लिए खर्च।
* स्वास्थ्य सेवाएं: मुंबई में अस्पतालों, क्लीनिकों और स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन।
* शिक्षा: म्युनिसिपल स्कूलों को चलाना और बच्चों की शिक्षा पर खर्च।
* सफाई और कचरा प्रबंधन: पूरे शहर की सफाई और कचरे को ठिकाने लगाने का काम।
* इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट: कोस्टल रोड, पुलों का निर्माण, और बड़े विकास प्रोजेक्ट।हाल के बजट के आंकड़े:
* 2025-26 के लिए, BMC ने ₹74,427 करोड़ का बजट पेश किया। इसमें से एक बड़ा हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा।
* 2024-25 का बजट ₹65,180 करोड़ था।यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ये आंकड़े पूरे बजट के हैं, जो शहर के मेंटेनेंस और विकास दोनों के लिए होते हैं।
इसमें से एक बड़ा हिस्सा, जिसे पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) कहते हैं,
वो सड़कों, पुलों और नई सुविधाओं के निर्माण जैसे कामों पर खर्च होता है, जबकि राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और दिन-प्रतिदिन के रखरखाव पर खर्च होता है।
एमसीजीएम के बजट में हर साल अलग-अलग सेक्टर्स के लिए अलग-अलग राशि आवंटित की जाती है, ताकि शहर के हर हिस्से का सही से रखरखाव और विकास हो सके।