
पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का रोष पूरे देश में बराबर बना हुआ है. 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर देने वालों के खिलाफ भारत के हर कोने से इंतकाम की आवाज उठ रही है. आतंकियों ने धर्म पूछ कर गोलियां चलाईं, यह बात जबसे सामने आई है, लोगों में गुस्सा और ज्यादा है. इसका खामियाजा अब देश के अंदर मुस्लिम समुदाय के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हाल ही में खबरें आई हैं कि मुस्लिम समुदाय की दुकानें बंद करवा दी गईं तो कहीं कश्मीरी स्टूडेंट के साथ मारपीट की गई. इसे महाराष्ट्र में असदुद्दीन ओवैसी के नेता वारिस पठान ने गलत बताया है.
पहलगाम आतंकी हमले पर AIMIM नेता वारिस पठान का कहना है, “पहलगाम आतंकी हमले की जितनी भी निंदा की जाए कम है. दरिंदे आतंकियों ने बेगुनाह-बेकसूर पर्यटकों का नाम पूछा, धर्म पूछा और उन्हें गोली मार दी. यह सरासर गलत है. इस वक्त देश के 146 करोड़ लोग एकसाथ खड़े हैं और सबके सब इसकी निंदा करते हैं.”
असदुद्दीन ओवैसी के नेताओं ने कहा, ”जुमे के दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की और पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. गुरुवार को भी कैंडल मार्च निकाला गया. हर भारतीय दुखी है और यह चाहता है कि आतंकवाद का खात्मा हो.”
‘आतंकवादियों और उनके आकाओं का हो खात्मा’
वारिस पठान ने आगे कहा, ”ऑल पार्टी मीटिंग में भी हमने कहा कि हम सब एकसाथ खड़े हैं. सरकार जो भी फैसला लेगी, हम उसके साथ हैं. हम भी चाहते हैं कि सरकार कड़े से कड़ा एक्शन ले क्योंकि यह समय कार्रवाई का है. आतंकवादी और उनके शैतान आका, जो पड़ोसी मुल्क में बैठकर आतंक फैला रहे हैं, उनका भी खात्मा होना चाहिए. पूरी तरह से आतंकवाद का सफाया करना बहुत जरूरी है.