
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को चुनौती दी गई है। इस मामले में सोमवार को फिर सुनवाई होने वाली है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल पूछे थे। सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने वक्फ बिल को चुनौती देने वाली याचिकाओं के पक्ष में दलीलें दीं। वहीं, सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की तरफ से तर्क रखे। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यानी CJI जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने उनसे तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने अगले आदेश तक यथास्थिति बहाल रखने को कहा है। याचिकाकर्ताओं को सिर्फ 5 याचिकाएं देने को कहा गया है। इसके अलावा, अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड में कोई बहाली नहीं होगी। फिलहाल, इस बार भी सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 मई को होनी है। जानते हैं याचिकाओं के वे आधार जिन पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 29 और 30 के तहत चुनौती दी गई है। इसमें कहा गया है कि धर्म किसी का भी निजी मामला होता है। ऐसे में सरकार इस मामले को कानून बनाकर दखल नहीं दे सकती है। देश के कई गैर सरकारी संगठनों, मुस्लिम संगठनों और विपक्षी कांग्रेस समेत कई लोगों ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दे रखी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह चुनिंदा याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में ये बातें उठ चुकी हैं.