
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि महाराष्ट्र से ठाकरे और पवार ब्रांड को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.
मनसे प्रमुख ने एक तरह से अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी की आलोचना की है. हालांकि उन्होंने दावा करते हुए ये भी कहा है कि इस ब्रांड को खत्म नहीं किया जा सकता है.’
मुंबई तक’ के एक कार्यक्रम में जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से पूछा गया कि महाराष्ट्र की राजनीति पर चर्चा होती है तो दो उपनाम दिमाग में आते हैं-
ठाकरे और पवार. मौजूदा वक्त में क्या इन दोनों सरनेम के ब्रांड को खत्म करने की कोशिश हो रही है? इस पर राज ठाकरे ने कहा, ”इसमें कोई विवाद नहीं है
कि ठाकरे-पवार ब्रांड को खत्म करने की कोशिश हो रही है. जरूर, लेकिन यह खत्म नहीं होगा.”हिंदी भाषा को लेकर राज ठाकरे ने खोला था मोर्चामहाराष्ट्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति के मद्देनजर हिंदी भाषा को अनिवार्य किए जाने पर राज ठाकरे ने मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने साफ तौर से कह दिया था कि वो महाराष्ट्र में ये होने नहीं देंगे.
बाद में विरोध बढ़ने के बाद सरकार ने हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने पर रोक लगा दी थी.राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे आएंगे साथ?महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कई दिनों से एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ आने की अटकलें लगाई जा रही हैं. दोनों नेता इसे लेकर सकारात्मक बयान दे चुके हैं.
शिवसेना यूबीटी ने ये भी कहा था कि अगर राज ठाकरे बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से दूर रहते हैं, तो पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के बीच किसी मसले का कोई सवाल ही नहीं उठता. शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र ‘सामना’ में दावा किया गया कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच सुलह की संभावना ने महाराष्ट्र विरोधियों को परेशान करके रख दिया है.’
सामना’ में यह भी कहा गया था कि राज ठाकरे मराठी लोगों से जुड़कर उनकी बात करते रहे हैं और शिवसेना का जन्म मराठी हित के लिए हुआ है.
उद्धव ठाकरे ने वह हित नहीं छोड़ा, तो ऐसे में कोई विवाद कहां है…? उधर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे ने कहा है कि अगर उद्धव सेना को लगता है कि मनसे के साथ गठबंधन संभव है, तो उन्हें एक ठोस प्रस्ताव के साथ सामने आना चाहिए, जिस पर हमारी पार्टी प्रमुख राज ठाकरे निर्णय लेंगे। देशपांडे ने आगे कहा कि हमने पहले भी प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन हमें विश्वासघात का सामना करना पड़ा। अगर अब वे हमें साथ चाहते हैं, तो उन्हें राज ठाकरे को उचित प्रस्ताव भेजना चाहिए।
पत्रकारों से बात करते हुए देशपांडे ने स्पष्ट किया कि राज ठाकरे ने अपने साक्षात्कार में कहीं भी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ सीधे गठबंधन की बात नहीं कही थी, जो महाविकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे ने यह नहीं कहा कि गठबंधन होना ही चाहिए। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अगर उद्धव सेना इच्छुक है, तो उस पर विचार किया जा सकता है।