
महाराष्ट्र में भाषा पर विवाद के बीच राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी अनिवार्य होगी। आज बुधवार को महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर आदेश जारी किया है।
सरकार ने साफ किया कि हिंदी तृतीय भाषा के रूप में सामान्य रूप से अध्ययन के लिए लागू की जाएगी। सरकार ने आदेश में कहा, “सभी माध्यमों के स्कूलों में मराठी अनिवार्य भाषा होगी। इस कार्यान्वयन की सभी व्यवस्थाएं शिक्षा विभाग की तरफ से की जाएंगी। मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के लिए हिंदी अब से तीसरी भाषा होगी।”हालांकि, यदि ये छात्र हिंदी के बजाय किसी अन्य भारतीय भाषा को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने की इच्छा व्यक्त करते हैं तो उन छात्रों को उस भाषा को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। स्कूल में छात्र हिंदी के बजाय अन्य भाषाओं को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने की इच्छा व्यक्त करते हैं, तो उनकी कक्षा में कम से कम संख्या 20 होनी चाहिए। यदि कम से कम 20 छात्र हिंदी के बजाय अन्य तीसरी भाषाएं पढ़ाने की इच्छा व्यक्त करते हैं तो उस भाषा को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक प्रदान किया जाएगा,

अन्यथा उक्त भाषा को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा।आदेश में कहा गया है, “राज्य स्तर पर इसे तुरंत लागू किया जाएगा। मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में, अन्य माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 के लिए तीन भाषाओं, अर्थात् माध्यम भाषा, मराठी और अंग्रेजी का अध्ययन किया जाएगा।”वहीं, अन्य माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक तीन भाषाओं अर्थात् माध्यम भाषा, मराठी और अंग्रेजी का अध्ययन किया जाएगा। कक्षा 6 से 10 के लिए अनिवार्य भाषा नीति राज्य पाठ्यक्रम रूपरेखा-स्कूल मार्गदर्शन के अनुसार होगी।”राज्य सरकार ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि कक्षा 6 से 10 के लिए भाषा नीति राज्य पाठ्यक्रम योजना- स्कूल दिशानिर्देश के अनुसार होगी।
फिलहाल राज्य सरकार ने अपना आदेश सरकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है, जिसका कोड नंबर 202506172233593421 है। आदेश में कहा गया है कि सरकारी शुद्धिपत्र डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित करके जारी किया जा रहा है.
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर छिड़ा विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके खिलाफ शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे एक साथ आ गए हैं। इस बीच पहली बार राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने संयुक्त पत्र जारी किया है। यह संयुक्त पत्र मराठी लोगों को संबोधित करते हुए लिखा गया है।
उद्धव और राज ठाकरे ने इस पत्र के जरिए 5 जुलाई को होने वाले जनसभा का निमंत्रण मराठी लोगों को दिया है। बता दें कि बीते दिनों राज ठाकरे की पार्टी एमएनस के कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी भी देखने को मिली थी। संयुक्त पत्र में लिखा है, ‘आवाज मराठी का, मराठी माताओं, बहनों और भाइयों, क्या आपने सरकार को झुकाया? हां, आपने झुकाया। और किसने झुकाया? तो वह आप ही थे। आप मराठी लोगों ने सरकार को झुकाया। हम तो सिर्फ आपकी तरफ से संघर्ष कर रहे थे। इसलिए खुशी का उत्सव मनाते समय भी हम केवल इस सभा के आयोजक हैं। बाकी उत्सव तो आपको मनाना है। नाचते-गाते हुए आइए, उत्साह और गुलाल उड़ाते हुए आइए।
हम आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। आपके विनम्र राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे।’भाषा विवाद पर मनसे की गुंडागर्दीबता दें कि इससे पहले एमएनएस कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी मुंबई में देखने को मिली थी। मराठी न बोलने पर मीरा रोड में एक फ़ास्ट फ़ूड के कर्मचारी को जमकर पीटा गया है। उसे कई थप्पड़ मारे गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, मीरा रोड के बालाजी होटल में मनसे कार्यकर्ताओं ने कर्मचारी से मारपीट की है और उसे अपशब्द भी कहे हैं। ये सोमवार रात की घटना है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना पर अब अन्य दलों का भी रिएक्शन सामने आया है।