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राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं और देश के पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद दिलाकर उन्हें कर्तव्य निभाने और तानाशाह नहीं बनने की नसीहत दी है।
कांग्रेस ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा 1952 में राज्यसभा में कहे गए उन शब्दों को याद किया कि अगर कोई लोकतंत्र विपक्षी दलों के समूह को सरकार की नीतियों के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र आलोचना करने की इजाजत नहीं देता है तो वह तानाशाही में तब्दील हो जाता है।
विपक्षी दल ने जोर देकर कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने जो उपदेश दिया था, उसका अक्षरशः पालन किया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन, जो राज्यसभा के सभापति भी होंगे, को अपनी शुभकामनाएँ देते हुए,
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रथम उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ज्ञानवर्धक शब्दों को याद करती है।”रमेश ने याद दिलाया कि सर्वपल्ली राधृष्णन ने राज्यसभा के सभापति के रूप में कहा था कि वह सदन में हर दल के हैं और उनका प्रयास संसदीय लोकतंत्र की सर्वोच्च परंपराओं को बनाए रखना और प्रत्येक दल के प्रति पूरी निष्पक्षता के साथ कार्य करना होगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, जो राज्यसभा के सभापति भी होंगे, उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कांग्रेस भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के प्रथम सभापति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रेरक शब्दों को स्मरण करती है।”