
जितेन्द्र आव्हाड ने आज कलवा अस्पताल में ट्रेन से गिरकर घायल हुए यात्रियों से मुलाकात की और उनसे पूछताछ की। उन्होंने यात्रियों को आश्वासन दिया।यह यात्रा संघर्ष एक दिन का नहीं है। प्रतिदिन दिवा मुंब्रा कलवा स्टेशन से यात्रा करने वाले यात्रियों को अपना पेट पालने के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है… बस फर्क इतना है कि आज की यह दुखद घटना अगर स्टेशन के पास होती तो यह सामने आ जाती और इनमें से कई भाई-बहन गिर जाते, तब रेलवे प्रशासन और सरकार का ध्यान राजनीतिक और अराजक लोगों की ओर से नहीं जाता….एक यात्री के तौर पर मैं सभी दलों के स्थानीय राजनीतिक पदाधिकारियों से मांग करता कि इन यात्रियों की यात्रा को आराम दायक बनाया जाए…..दुर्घटना में घायल हुए लोग जल्दी स्वस्थ होकर खुशहाल जीवन जिएं और…मृतकों के परिजनों को इस दुख से उबरने की शक्ति मिले।