आठ दिनों से जारी इस खूनी संघर्ष में दोनों देश एक-दूसरे पर भारी हमले कर रहे हैं। ईरानी सेना ने इजराइल के रिहायशी इलाकों में भारी तबाही मचाई है।इजराइल के बीरशेबा अपार्टमेंट में ईरान ने बारूदी बौछार की है. ईरानी सेना ने इस अपार्टमेंट पर एक के बाद कई मिसाइल दागें हैं. मिसाइल अटैक के बाद बीरशेवा अपार्टमेंट के आस-पास आग लग गई. यहां रह रहे लोगों में दहशत फैल गई. सड़क पर आग और धुएं का गुबार दिखा. लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. इस हमले के बाद बीरशेवा में कई इमारतों को नुकसान हुआ है. मिसाइल अटैक के बाद अपार्टमेंट के अंदर भी तबाही मची है।
ईरानी सेना न सिर्फ रिहायशी इलाकों में हमले कर रही है बल्कि इजराइल में मौजूद कंपनियों के दफ्तरों को निशाना बना रही है. इजराइल के बीरशेबा में मौजूद माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के पास भी ईरान ने मिसाइलों से हमला किया है. मिसाइल गिरने के बाद माइक्रोसॉफ्ट बिल्डिंग के आस-पास का इलाका धुआं-धुआं हो गया. बिल्डिंग में आग लग गई।
बियरशेबा में तबाही के मंजर –
ईरानी हमले की सीधी तस्वीरें आज का दिन बियरशेबा (Beersheba) के लिए खौफ, तबाही और चीखों से भरा हुआ रहा।
ईरानी मिसाइलों ने इस शहर को भी नहीं छोड़ा, जहाँ पहले लोगों को युद्ध से कुछ दूरी की राहत थी.
ईरान का न्यूक्लियर एनरिचमेंट प्लांट क़ोम शहर के पास, पहाड़ियों के 80 मीटर नीचे बना है.इजराइल के लिए इस न्यूक्लियर प्लांट को ध्वस्त करना नामुमकिन है. क्यों कि इजराइल के पास जो हथियार है, वो केवल ज़मीन के 10 मीटर नीचे तक नुकसान पहुंचा सकता है.ज़मीन के नीचे बने इस न्यूक्लियर प्लांट को बर्बाद करने के लिए “Bunker Buster Weapon” की जरूरत है जो केवल बाहुबली देश अमेरिका के पास है.अमेरिका के पास GBU-57 MOP नाम का बंकर बस्टर हथियार है. यह 13,600 किलो वजनी हथियार ज़मीन के 70 मीटर नीचे जाकर प्लांट को बर्बाद कर सकता है.इस भारी भरकम हथियार को केवल “Next Generation Bomber” B-2 SPIRIT नाम का फाइटर प्लेन से ही गिराया जा सकता है. आगे की जानकारी आप लोगों के होश उड़ देगी.अमेरिका ने 25 सालों में केवल 20 GBU-57 बम और 40 सालों में केवल 21 B-2 SPIRIT प्लेन का निर्माण किया है. कारणएक GBU-57 बनाने का खर्च : $28 मिलियन यानी 245 करोड़ पड़ता है. एक B-2 SPIRIT प्लेन बनाने की लागत $2 बिलियन यानी 17,300 करोड़ आती है. शुरुआत इजराइल ने की है, GBU-57 गिराकर अंत अमेरिका ही कर सकता है. बाकी सब मिथ्या है.