
एकनाथ शिंदे की पार्टी ने साफ किया रुख, मिलिंद देवड़ा बोले- ‘उद्धव ठाकरे आने वाले दिनों में,
शिवसेना शिंदे के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने मंगलवार (1 अप्रैल) को वक्फ बिल को लेकर शिवसेना यूबीटी पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी विचारधारा के स्तर पर कन्फ्यूज है. हमारी पार्टी (शिवसेना शिंदे) इस बिल का समर्थन कर रही है. इस बिल से आम मुस्लिमों को फायदा होगा.
शिवसेना शिंदे के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा, “विपक्ष ने सीएए और धारा 370 पर एक फेक नैरेटिव चलाया था. वैसा ही वक्फ बिल को लेकर भी फेक नैरेटिव विरोधियों की ओर से चलाया जा रहा है.”
‘राज ठाकरे को कोई गंभीरता से नहीं लेता’
हालांकि, राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने आगे कहा, “उद्धव ठाकरे भी आने वाले दिनों में वक्फ बिल का समर्थन करेंगे. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के रुख को लेकर उन्होंने कहा कि मनसे को कोई गंभीरता नहीं लेता.”
विपक्ष पर लगाया गुमराह करने का आरोप
शिवसेना शिंदे राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने इस मसले पर 3 दिन पहले मीडिया से बातचीत में कहा था, “जब भी वक्फ का मुद्दा आता है, तो कुछ लोग खास समुदाय के लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. उन्हें बताया जाता है कि केंद्र का फैसला उनके खिलाफ है.”
उन्होंने मुस्लिम समुदाय से “केंद्र सरकार पर भरोसा” करने और ऐसे सुधारों का समर्थन करें. ताकि यह बिल उनके बच्चों के लिए भी फायदेमंद हो सके. उन लोगों के जाल में न फंसे, जो उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं.”
बता दें कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर सियासी दल दो गुटों में बंटे दिखाई दे रहे हैं. सत्ताधारी गुट एनडीए इस बिल को मुसलमानों के हित में बता रही है. दूसरी तरफ इंडी अलायंस में शामिल कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी, एनसीपीएससीपी, आरजेडी, सपा आदि दलों का आरोप है कि इस बिल के जरिए केंद्र सरकार मुसलमानों का हक छीनने की कोशिश में जुटी है.
BJP नहीं चाहती बिल पेश हो- प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कहा, “हर रविवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू कहते हैं कि अगले हफ्ते वक्फ संशोधन बिल सदन लाया जाएगा. या तो वे जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं या फिर वे चाहते ही नहीं हैं कि बिल पेश हो, क्योंकि उनके पास पूर्ण समर्थन नहीं है.”
उन्होंने आगे कहा, “रोज-रोज एजेंडा तैयार करना दिखाता है कि वे किसी जरूरी चीज से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं. बहुत सारे देश के मुद्दे हैं जिससे ध्यान भटकाने के लिए यह एजेंडा लाया जाता है लेकिन एजेंडा के अनुसार काम नहीं होता है.”