
चुनाव आयोग का एसओपीसुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मान लिया है।
सीनियर वकील मनिंदर सिंह ने SOP के बारे में बताया था। कोर्ट ने कहा कि SOP से वे संतुष्ट हैं।
इस SOP में यह भी शामिल है कि EVM खुद ही जांच करेगी कि क्या उसका प्रोग्राम ठीक है। जब EVM दूसरी EVM से जुड़ेगी, तो वे एक-दूसरे को पहचानेंगी। हालांकि, भारत इलेक्ट्रिकल लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इंजीनियर यह जांच करेंगे कि वोटिंग मशीनों के सॉफ्टवेयर और मेमोरी से कोई छेड़छाड़ तो नहीं हुई है।
वे यह भी प्रमाणित करेंगे।ईवीएम पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, कहा- मॉक वोटिंग के लिए सिंबल लोडिंग यूनिट को नहीं बदल सकतेसुप्रीम कोर्ट ने EVM की जांच के लिए नए नियम बनाए हैं, जिसके अनुसार उम्मीदवार सिंबल लोडिंग यूनिट को नहीं बदल पाएंगे। मॉक पोल के बाद वोटों की गिनती दिखाई जाएगी, लेकिन सिंबल लोडिंग यूनिट वही रहेगी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के SOP को मान लिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने EVM की जांच के लिए नए नियम बनाए हैं। अब अगर कोई उम्मीदवार EVM की जांच करना चाहता है, तो वह मशीन के सिंबल लोडिंग यूनिट को नहीं बदल पाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर कोई उम्मीदवार EVM की जांच के लिए मॉक पोल करना चाहता है, तो वह लिखित में रिक्वेस्ट कर सकता है।सिंबल लोडिंग यूनिट नहीं बदल सकतेकोर्ट ने कहा, वोटिंग के लिए इस्तेमाल हो चुकी EVM पर मॉक पोल होगा।
फिर वोटों की गिनती उम्मीदवारों को दिखाई जाएगी और उसे मिटा दिया जाएगा। लेकिन सिंबल लोडिंग यूनिट वही रहेगी, जो वोटिंग के दौरान इस्तेमाल हुई थी.
चुनाव आयोग का एसओपीसुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मान लिया है। सीनियर वकील मनिंदर सिंह ने SOP के बारे में बताया था। कोर्ट ने कहा कि SOP से वे संतुष्ट हैं। इस SOP में यह भी शामिल है कि EVM खुद ही जांच करेगी कि क्या उसका प्रोग्राम ठीक है।
जब EVM दूसरी EVM से जुड़ेगी, तो वे एक-दूसरे को पहचानेंगी। हालांकि, भारत इलेक्ट्रिकल लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इंजीनियर यह जांच करेंगे कि वोटिंग मशीनों के सॉफ्टवेयर और मेमोरी से कोई छेड़छाड़ तो नहीं हुई है।
वे यह भी प्रमाणित करेंगे।चुनाव आयोग ने कहा, EVM यूनिट्स की जांच होगी। फिर इंजीनियर जांच करेंगे और सर्टिफिकेट देंगे कि EVM से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। सिंबल लोडिंग यूनिट एक तरह का पेन ड्राइव जैसा होता है। इसमें उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन्ह होते हैं।
इसे EVM में डाला जाता है, ताकि लोग वोट डाल सकें। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मॉक पोल के दौरान इस यूनिट को नहीं बदला जाएगा।
इससे EVM की जांच और भी बेहतर तरीके से हो सकेगी। यह सब इसलिए किया जा रहा है
ताकि वोटिंग में किसी तरह की गड़बड़ी न हो। हर कोई चाहता है कि चुनाव निष्पक्ष हों और लोगों को सही तरीके से वोट डालने का मौका मिले।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से EVM की विश्वसनीयता और भी बढ़ जाएगी।